यादें अंजानी
बातें, कही अनकही
यूं ही पड़ी रह जाती हैं ।
जैसे ओस की बूंदें
उतरी हों सुबह की रेशमी घास पर ।
झुर्झुरी सी होती है
जब भी कदमों के नीचे आती हैं।
या फिर बीती उम्र के सफ़ों पर
रोशनाई के कुछ कतरे ।
खामोश पडे पन्नों पर,
धूल कभी नहीं चढती ।
यादें और बातें,
दोनों बस वैसी ही तो रह जाती हैं ।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
22 comments:
very nice
bahut lajwaab hai
bahut hi
नाम की तरह कविता भी विलक्षण.
कविता में सुन्दर भावाभिव्यक्ति ! इसे जारी रखें। बधाई !
सुभाष नीरव
www.srijanyatra.blogspot.com
www.kathapunjab.blogspot.com
www.sahityasrijan.blogspot.com
very nice
कलम चलाती रहिये शुभकामनाएँ
गहरे अहसास की कविता !
भाव पुर्ण कविता-ब्लाग जगत मे आपका स्वागत है,
आशा है कि आप अपने सार्थक लेखन से ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगी। स्वागत है।
भावपूर्ण कोमल अभिव्यक्ति!! बधाई.
Bahut sundar.
बहुत सहज और सुंदर, शुभकामनाएं.
रामराम.
शब्दों की खूबसूरत फ़ोटोग्राफ़ी की आपने.बधाईयां ..!
बहुत सुन्दर ,गहरे भाव , अर्थपूर्ण रचना
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी टिप्पणियां दें
खामोश पड़े पन्नो पर धूल नहीं जमती ...ये कैसे हो सकता है ...हाँ....खामोश यादों पर समय की गर्द नहीं चढ़ती ..!!
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है अपने विचारों की अभिव्यक्ति के साथ साथ अन्य सभी के भी विचार जाने..!!!लिखते रहिये और पढ़ते ...रहिये....
Yaaden aur baaten dono waisee hee rah jati hain..sach hai..jo saral ,ojasvi bhashame kaha gaya hai!
khubsurat!!!!!! rachnaa !!!
pair k neechey osh ..
hmm chui mui si bhawana aayi ..
achha hai
खामोश पडे पन्नों पर,
धूल कभी नहीं चढती ।
यादें और बातें,
दोनों बस वैसी ही तो रह जाती हैं ...
कुछ यादों पर धूल नही चड़ती .......... ताज़ा रहती हैं पंखुड़ी की तरह .......... लाजवाब रचना है आपकी ........
sundar.
यादों और बातों के सम्बन्ध को
करीने से सजाया है आपने!
Oh Boy!! All are head to heel to impress a girl.. Hahahaha..Kite jhuthe log hai comments karne wale,,Nakli...hurrrrrr
Why dpn't you send it to Noble Committee.
Okay kind of Poem..
Dnt write again Puhlezzz!!
Post a Comment